Shiv chaisa Secrets
Shiv chaisa Secrets
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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
Devotees who chant these verses with intensive really like become prosperous through the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to acquire children, have their dreams fulfilled immediately after partaking of Shiva-Prasad with religion and devotion.
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध more info जल भरकर रखें।
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥